कोरोना की आग में तब्‍लीगी जमात ने डाला घी

कोरोना की आग में तब्‍लीगी जमात ने डाला घी

सेहतराग टीम

कोरोना के मामले भारत में कमोबेस नियंत्रण में थे मगर पिछले दो दिनों में नए मामले सामने आने में जो तेजी आई है उसके पीछे दिल्‍ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्‍लीगी जमात के केंद्र का बहुत बड़ा हाथ है। झारखंड, अंडमान निकोबार, जम्‍मू-कश्‍मीर, तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे राज्‍यों में कोरोना की आग भड़कने में इस जमात में जुटे लोगों का हाथ माना जा रहा है। इसकी वजह से अब पूरे देश में ये तय करना मुश्‍क‍िल हो गया है कि जमात में जुटे लोगों ने किस हद तक इस वायरस का प्रकोप पूरे देश में फैला दिया है। गौरतलब है कि दिल्‍ली में 13 मार्च को ही किसी भी तरह के बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, इसके बावजूद दो दिन बाद यानी 15 मार्च तक तब्‍लीग का आयोजन निजामुद्दीन के मरकज में होता रहा और हजारों लोग वहां जुटे रहे जिसमें बड़ी संख्‍या में विदेशी भी शामिल थे। दिल्ली में तब्लीगी जमात का सम्मेलन 13 से 15 मार्च, 2020 के बीच हुआ था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसमें 2000 लोग शामिल हुए थे जिसमें 700-800 विदेशी थे। हालांकि वास्‍तविक आंकड़ा ज्‍यादा हो सकता है।

क्‍या है तब्‍लीगी जमात?

तब्‍लीगी जमात दरअसल इस्‍लाम के धार्मिक शिक्षकों से संबंधित केंद्र है और यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के इस्‍लामी शिक्षा से जुड़े लोग जुटते हैं। इसके लिए भारत सरकार अलग से वीजा जारी करती है मगर ये पाया गया है कि कई देशों के लोगों ने चालाकी से भारत का पर्यटन वीजा हासिल करके यहां धार्मिक गतिविधियों में हिस्‍सा लिया है। अब सरकार इस तरह के लोगों को पर्यटक वीजा देने पर प्रतिबंध लगाने जा रही है।

भारत किस तरह के खतरे के सामने है?

तब्‍लीगी जमात के जमावड़े में जुटे कम से कम कई लोगों मे कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। अकेले तमिलनाडु में मंगलवार को 57 नए केस की पुष्टि हुई जिसमें से 50 केस तब्‍लीगी जमात में हिस्‍सा लेने वालों के बताए गए हैं। राज्‍य सरकार का अनुमान है कि तमिलनाडु से करीब 1500 लोग जमात के कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने आए थे। अबतक सरकार सभी तक नहीं पहुंच पाई है। अंडमान निकोबार में अबतक कुल 10 केस सामने आए हैं और ये सब के सब तब्‍लीग से जुड़े केस हैं। झारखंड में मंगलवार को कोरोना का पहला केस सामने आया है और जिस मलेशियाई युवती में ये संक्रमण पाया गया है वो तब्‍लीग में हिस्‍सा लेने आई थी और बाद में झारखंड के रांची में छिपी हुई थी। उसके साथ कई लोगों मे इसके संक्रमण क खतरा बना हुआ है। तेलंगाना सरकार का दावा है कि राज्‍य के करीब 1000 लोग जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सरकार ने मंगलवार को 14 ऐसे कोरोना संक्रमित मिलने का दावा किया है जो कि जमात के कार्यक्रम का हिस्‍सा बने थे। तेलंगाना सरकार ने छह ऐसे कोरोना संक्रमितों की मौत का भी दावा किया है जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हालांकि केंदीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की वेबसाइट तेलंगाना में अभी कोरोना से एक ही मौत की जानकारी दे रही है। बड़ा खतरा इस बात को लेकर है कि जिन ट्रेनों से ये लोग अपने राज्‍यों को लौटे होंगे उनमें इन्‍होंने कितनों को संक्रमित किया होगा। इसे देखते हुए देश के दूसरे राज्यों मसलन यूपी, मध्‍यप्रदेश, बिहार, बंगाल आदि‍ से अभी तबलीगी जमात वाले मामले का असर सामने आना बाकी है।

दुनिया के दूसरे देशों में भी बांटा संक्रमण

तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन इलाके में हुए सम्मेलन ने जिस तरह से देश के कई हिस्से में कोविड-19 कोरोनावायरस को फैलाने का काम किया है, उसी तरह से दूसरे कई देशों में इस जमात के दूसरे सम्मेलनों ने इस महामारी को फैलाया है। पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर में दो हफ्ते पहले इस जमात के समारोह में ढ़ाई लाख लोग शामिल हुए थे और अभी तक जो सूचना मिली है उसके मुताबिक इसमें शामिल लोगों ने ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि कुवैत, फिलीपींस, ट्यूनिशिया तक में कोविड-19 महामारी को फैलाया है। पाकिस्तान की मीडिया ने इस सम्मेलन की स्वीकृति देने के लिए पीएम इमरान खान की सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। मलयेशिया में इस गैर राजनीतिक संगठन के एक समारोह से दक्षिणी पूर्वी एशिया के कम से कम 6 देशों में इस महामारी को फैलने की आशंका है। 

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